इटावा।इटावा लोकसभा क्षेत्र से बसपा प्रत्याशी डा गौरीशंकर अपने चुनाव प्रचार में किस प्रकार से जनता का समर्थन प्राप्त कर रहे हैं यह चित्र उसका उदाहरण है। उन्होंने एक मुसलमान की दाढ़ी पकड़कर उसको अपने पास लाने का प्रयास किया है जिससे डा गौरीशंकर के इस तरीके की मुस्लिम समाज में भारी आलोचना हो रही है।...
लखनऊ। फिल्म अभिनेता संजय दत्त को चुनाव लड़ने की सुप्रीम कोर्ट से आज्ञा नहीं मिलने के बाद लखनऊ लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी ने मिस इंडिया रह चुकी और अब प्रख्यात समाज सेविका नफीसा अली को अपना प्रत्याशी बनाया है। इसी के साथ लखनऊ में सपा के चुनावी अभियान ने तेजी पकड़ ली है। नफीसा अली को जिताने...
लखनऊ। लखनऊ में व्यापारियों की राजनीति में जोड़तोड़ और पलटीमार के लिए मशहूर बनवारी लाल कंछल ने बहुजन समाज पार्टी में जाकर जहां अपनी उपयोगिता को और भी ज्यादा खत्म कर दिया वहीं इससे सपा ने उनके अंदरखाने विश्वासघात की गतिविधियों से मुक्ति पाई तो भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी लालजी टंडन को संतोष हुआ कि...
रामपुर (उप्र)।विख्यात फिल्म अभिनेत्री और समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी जया प्रदा रामपुर से चुनाव जीतती हैं कि नहीं अब यह मुद्दा खत्म हो चुका है। जया प्रदा रामपुर से सपा की सांसद हैं और सपा ने उन्हें फिर से रामपुर से चुनाव मैदान में उतारा है।...
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने बसपा सरकार पर पुलिस प्रशासन और माफिया के जरिए पूरे राज्य में भय और दहशत का माहौल बनाकर चुनावी आचार संहिता तोड़ने का आरोप लगाया। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हृदयनारायण दीक्षित, विधान परिषद सदस्य श्याम नंदन सिंह, पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने राजभवन में केन्द्रीय चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर स्वतंत्र, निष्पक्ष व निर्भीक...
जौनपुर (उप्र)। विख्यात उद्यमी और पहले से ही सामाजिक और राजनीतिक रूप से ताकतवर, बाबा मित्र परिषद के मुख्य संचालक और बाबा दुबे के नाम से विख्यात ओमप्रकाश दुबे बहुजन समाज पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। इससे जौनपुर सहित बनारस मंडल में बसपा को तगड़ा झटका लगा है। बाबा दुबे ने जौनपुर में बसपा को खड़ा करने और बनारस मंडल में ब्राह्मणों को बसपा से जोड़ने का...
लखनऊ। भड़काऊ भाषण देने या भड़काऊ साहित्य बेचने और बांटने में कितना फर्क है? क्या इन दोनों में समानता है या ये दोनों ही एक ही श्रेणी के माने जाएंगे। यह विषय इसलिए बहस में उतर गया है क्योंकि अंबेडकर जयंती पर लखनऊ में हजरतगंज चौराहे पर जब एक तरफ उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती गगनभेदी नारों के बीच अंबेडकर प्रतिमा पर मार्ल्यापण कर रही थीं तब कतार से नीचे लगे बुक स्टालों...
लखनऊ। आईबीएस लखनऊ में 'वर्तमान आर्थिक परिवेश में मानव संसाधन प्रबंधन' विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रो आरके मंडन डीन, आईबीएस लखनऊ ने किया और वर्तमान में जटिल आर्थिक परिस्थितियों के परिणामों से निपटने के लिये विषय के महत्व पर जोर डाला। कार्यक्रम...
नई दिल्ली। गुजरात राज्य के अहमदाबाद नगर में कनाडा इस वसंत में एक व्यापार कार्यालय खोलने जा रहा है। भारत में कनाडा के उच्चायुक्त जोसेफ केरॉन ने पीएचडी चैम्बर में अग्रणी उद्योगपतियों के साथ एक मुलाकात सत्र में यह जानकारी दी।उन्होंने कहा कि गुजरात में व्यापार प्रोत्साहन की विशाल क्षमता को देखकर लगता है कि वहां भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय आर्थिक व्यापार बढ़ाने...
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि इस समय जिस प्रकार से राजनीतिक दलों, समूहों और व्यक्तियों का अदल-बदल हो रहा है, संगठन और समीकरण बन और बिगड़ रहे हैं, देश में अनिश्चय और भटकाव की स्थिति बनी हुई है, उससे समाजवादी पार्टी को पूर्ण विश्वास है कि वह ऐसी भ्रम की स्थिति में पिछले अनुभवों...
नई दिल्ली। राग विराग की ओर से त्रिवेणी सभागार में शीला सिद्धांतकर स्मृति पुरस्कार कवि मंजरी दुबे को दिया गया। ये पुरस्कार मंजरी को कथाकार मृदुला गर्ग ने अपने हाथों से दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो नित्यानंद तिवारी ने की जिन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण में शीला सिद्धांतकर और मंजरी दुबे की कविताओं...
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने जौनपुर लोकसभा क्षेत्र से इण्डियन जस्टिस पार्टी के प्रत्याशी बहादुर सोनकर की हत्या की घोर निन्दा की है। प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवक्ता हृदयनारायण दीक्षित ने सम्वाददाताओं से कहा कि पुलिस प्रशासन और आयोग से बार-बार प्राण रक्षा की गुहार करने वाले सोनकर की हत्या से साफ हो गया है कि राज्य में घोर अराजकता है, यहां प्रत्याशी ही मारे जा रहे हैं...
लखनऊ। लखनऊ लोकसभा क्षेत्र की लड़ाई का दायरा बढ़ गया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी के लखनऊ से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में उतरने से इस सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबला हो गया है। यहां से सपा, बसपा, कांग्रेस और भाजपा ने जो प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं सभी ताकतवर माने जाते...
न्यूयार्क। भारत के उद्योगपति विजय माल्या ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्मृति चिह्न खरीद कर भारत की लाज को बचाया और भारत सरकार के संबंधित मंत्री समाचार चैनलों के सामने बयानबाजियों में ही लगे रहे। विजय माल्या...
मुंबई।इन आतंकवादियों के शवों को मुंबई के कब्रिस्तान में कोई जगह नहीं देने का मुस्लिम काउंसिल ट्रस्ट ने जो फैसला लिया वह किसी के भी शव के अंतिम संस्कार करने के बुनियादी सिद्धांत के पूरी तरह खिलाफ है। सर्व विदित है कि जो आतंकवादी मुंबई में अनगिनत निर्दोष और निहत्थे लोगों की निर्ममतापूर्वक हत्या और राष्ट्रीय...
पाकिस्तानको एक बेचारा पाकिस्तान कहें तो यह अतिश्योक्ति नही होगी। पाकिस्तान भले ही इकसठ साल पहले एक देश के रूप में वजूद में आया हो लेकिन विशेषज्ञों की राय है कि सत्ताधारी वर्ग एवं सरकार की शोषक नीतियों गरीबी, बेरोजगारी, खाद्यान्न संकट, अत्याचार, सामंतवादी व्यवस्था, सैन्य तानाशाही और सबसे बढ़कर आतंकवाद...
देश और प्रदेश में जैसे ही चुनाव घोषित होते हैं या कोई वर्ग-संघर्ष अथवा प्रदर्शन या सरकार अथवा किसी घटना के विरूद्ध कोई मार्च आयोजित होता है तो भारतीय संविधान की दण्ड प्रक्रिया संहिता 107/116/151 का विधि व्यवस्था की स्थापना के लिए महत्व बढ़ जाता है। ऐसे में आक्रोशित जन सामान्य को नियंत्रित करने के लिए पुलिस इस कानून का सबसे ज्यादा प्रयोग करती है। देखा गया है कि पुलिस इन धाराओं...
अजूबों का देश तो है ही भारत, महान गोपनीय विधाओं की भी यहां कोई कमी नहीं है। भारत के हर शहर-हर गांव में गोपनीय विधाओं के विद्वान भरे पड़े हैं। कहीं कोई झूठ छोड़ने का माहिर है तो कोई हंडिया फोड़कर शत्रु नाश करने का मास्टर है। कोई चेहरा देखकर आगंतुक का अतीत बता देता है तो कोई भविष्यवक्ता होने का दावा करता है। कोई अपनी हथेली से खून की बूंदें टपकाता है तो कोई पूरी भीड़...
एक परिस्थिति विज्ञानी और एक अर्थशास्त्री ने 1980 में पांच धातुओं की भविष्य में लगने वाली कीमतों को लेकर 1,000 डॉलर की शर्त बदी। पर दांव पर इससे भी कुछ ज्यादा ही यानी इस ग्रह की सहन क्षमता तथा मानवता की नियति से संबंधित सोच और दृष्टि ही लगी थी। एक ने कीटनाशकों को रिस-रिस कर जल के भूमिगत स्रोतों तक पहुंचते देखा,...
चुनाव आयोग के सामने भी पारदर्शी मतदान के लिए कोई कम चुनौतियां नहीं रहती हैं। अगर चुनाव में कोई पेंच फंसाने की ठान ले तो ऐसी खामियां मौजूद हैं जिन पर तूफान खड़ा हो सकता है। चुनाव चिन्हों और उनके इस्तेमाल को लेकर राजनीतिक दलों में बड़े-बड़े झगड़े हुए हैं जो कि चुनाव आयोग के लिए मुसीबत से कम नही रहे। अतीत में आयोग को कई बार तो चुनाव चिन्ह जब्त करने जैसी कार्रवाइयां भी...