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कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधानों से हुई प्रगति-तोमर

राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विवि की 11वीं राष्ट्रीय बीज कांग्रेस

फसलों के उन्नत बीजों के उत्पादन की रणनीति पर भी विचार-विमर्श

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 22 August 2022 12:57:59 PM

agriculture minister narendra singh tomar

ग्वालियर। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा हैकि कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधानों से बहुत प्रगति हुई है, जिससे भारत आज अधिकांश खाद्य उत्पादों के मामले में पहले या दूसरे क्रम पर है। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहाकि यहांतक पहुंचने में किसानों के परिश्रम, सरकार की किसान हितैषी नीतियों एवं वैज्ञानिकों के अनुसंधान का योगदान है और कृषि उत्पादों की दृष्टि से हम सारी दुनिया में सीना तानकर खड़े हुए हैं। कृषिमंत्री ने कहाकि जलवायु स्थितियां बदल रही हैं, खासतौर पर कृषि क्षेत्र में इस चुनौती के मद्देनज़र कार्य करना होगा।
केंद्रीय कृषिमंत्री ने कहाकि भारत को दलहन-तिलहन मेभी आत्मनिर्भर होना चाहिए, इसके लिए सरकार मिशन मोड में काम कर रही है, लेकिन नीतियों एवं फंडिंग केसाथ बीजों का आविष्कार ऐसा होना चाहिए, जो उत्पादकता बढ़ाएं और देश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएं। उन्होंने कहाकि इसमें महती जवाबदारी कृषि वैज्ञानिकों की है, जिन्हें और ज्यादा काम करने की आवश्यकता है। कृषिमंत्री राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर की 11वीं राष्ट्रीय बीज कांग्रेस-2022 के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया वर्चुअल जुड़े, वहीं मध्यप्रदेश के कृषिमंत्री कमल पटेल मंच पर उपस्थित थे।
कृषिमंत्री ने विश्वविद्यालय के नवनिर्मित सभागार का दत्तोपंत ठेंगड़ी के नाम पर नामकरण किया, साथही स्टेट अकादमी ऑफ़ एग्रीकल्चरल एंड अलाइड साइंसेस का भी शुभारंभ किया। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक स्तर पर स्टेट अकादमी ऑफ़ एग्रीकल्चरल एंड अलाइड साइंसेस का प्रयास कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन विज्ञान व संबंधित अनुसंधान, शिक्षा, विस्तार की प्रोत्साहन गतिविधियों को और गतिमान करना है। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहाकि दत्तोपंत ठेंगड़ी मौलिक चिंतक, राष्ट्रवादी विचारक, श्रमजीवी और ट्रेड यूनियन नेता थे, उन्होंने मजदूरों एवं किसानों के हितों को सर्वोपरि रखा, उन्होंने स्वदेशी भावना को बल दिया, जिससे स्थानीय उद्योगों केसाथ राष्ट्र मजबूत हुआ, रोज़गार के अवसर बड़ी संख्या में सृजित हुए और उनके नामपर सभागार बनना प्रेरणादायी है।
कुलपति प्रोफेसर एस कोटेश्वर राव ने स्वागत भाषण दिया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक डॉ आरसी अग्रवाल, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव (बीज) अश्विनी कुमार ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर देश में उन्नत बीज उत्पादन के क्षेत्र में हो रहे नए प्रयोगों, भविष्य की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए विशेषतः तिलहनी-दलहनी फसलों के उन्नत बीज उत्पादन की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया। सम्मेलन में देश के जाने-माने बीज उत्पादन विशेषज्ञ शामिल हुए। केंद्रीय कृषिमंत्री ने विभिन्न पुरस्कार भी वितरित किए। कार्यक्रम में कुलसचिव अनिल सक्सेना, विश्वविद्यालय के अधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिक, किसान बंधु और छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं। 

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