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Wednesday 1 November 2023 04:32:34 PM
दीमापुर। बांग्लादेश के सैन्यबलों के कर्मियों केबीच मुक्ति युद्ध की भावना को जीवित रखने केलिए ग्रुप कैप्टन तनवीर मार्ज़न के नेतृत्व में बांग्लादेशी वायुसेना के 20 अधिकारियों और कर्मियों ने बांग्लादेशी वायुसेना के स्थापना दिवस समारोह के अंग रूपमें 31 अक्टूबर को दीमापुर का दौरा किया। किलो फ्लाइट से ऐतिहासिक संबंध रखने वाली डोर्नियर और एमआई 17-वी5 स्क्वाड्रन के अधिकारियों और कर्मियों ने बीएएफ के कर्मियों केसाथ बातचीत की।
बांग्लादेशी वायुसेना ने हमेशा उन महत्वपूर्ण स्थानों का दौरा करने में गहरी रुचि दिखाई है, जो 1971 के मुक्ति युद्ध के दौरान काफी प्रासंगिक रहें। दीमापुर बांग्लादेशी वायुसेना का स्थापना दिवस मनाने की यह यात्रा भारत और बांग्लादेश की वायुसेनाओं केबीच गहरे संबंधों और सद्भाव को दर्शाती है और बांग्लादेश की मुक्ति में भारतीय वायुसेना की भूमिका को मान्यता देती है। गौरतलब हैकि बांग्लादेशी वायुसेना 28 सितंबर 1971 को नागालैंड के दीमापुर में एक चेतक, एक सशस्त्र ओटर, एक डकोटा, 9 अधिकारियों और 57 कर्मियों केसाथ अस्तित्व में आई थी।
बांग्लादेशी वायुसेना के स्थापना दिवस के दिन भारतीय वायुसेना ने उसके तीन पायलटों स्क्वाड्रन लीडर सुल्तान अहमद, फ्लाइट लेफ्टिनेंट बदरुल आलम, जो पाकिस्तान वायुसेना से अलग हो गए थे और एक नागरिक पायलट कैप्टन शहाबुद्दीन अहमद को दीमापुर में किलो फ्लाइट में प्रशिक्षण देना शुरू किया था। यह बांग्लादेश की पहली वायुसेना इकाई बनी थी। बांग्लादेश के जन्म केसाथ ही 16 दिसंबर 1971 केबाद भारत ने गोलियों से छलनी, लेकिन उड़ान भरने में सक्षम किलो फ़्लाइट विमान ढाका में बांग्लादेश को सौंपे थे।