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हैदराबाद में भारत अंतर्राष्‍ट्रीय विज्ञान महोत्‍सव

विज्ञान को जनसामान्य में लोकप्रिय बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम

आईआईएफएस विज्ञान का एक जश्‍न है-महानिदेशक सीएसआईआर

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 7 December 2020 04:56:21 PM

various programs to make science popular in public

हैदराबाद। भारत अंतर्राष्‍ट्रीय विज्ञान महोत्‍सव-2020 को लोकप्रिय बनाने और विभिन्‍न क्षेत्रों तक इनकी पहुंच बनाने के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। वैज्ञानिक मंत्रालय और उनके विभागों की प्रयोगशालाएं तथा संस्‍थान इन कार्यक्रमों को देश के विभिन्‍न क्षेत्रों तक पहुंचाने और प्रचार-प्रसार की गतिविधियों का आयोजन कर रहे हैं। सीएसआईआर-राष्‍ट्रीय भू-भौतिकी शोध संस्‍थान हैदराबाद ने वर्चुअल प्‍लेटफॉर्म पर एक पूर्वावलोकन और विभिन्‍न मंचों के बीच पहुंच बनाने का कार्यक्रम किया था, जिसमें डॉ शेखर सी मांडे महानिदेशक सीएसआईआर और सचिव डीएसआईआर भारत सरकार ने कहा है कि वर्ष 2015 से आईआईएसएफ विज्ञान के उत्‍साह का जश्‍न मना रहा है और विज्ञान के विभिन्‍न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को आम लोगों से जोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के संवाद समाज के विभिन्‍न क्षेत्रों तक विज्ञान की पहुंच बनाने और हमारे जीवन की समृद्धि के लिए उपयोगी होंगे। उन्‍होंने जीवन के सभी क्षेत्रों में लोगों से कोविड-19 अनुकूल व्‍यवहार का कड़ाई से पालन करने की आवश्‍यकता पर जोर दिया।
आईएनसीओआईएस हैदराबाद के निदेशक रहे डॉ सतीश शेनाय ने भारतीय संदर्भ में गहरे ‘समुद्र में शोध संबंधी चुनौतियों और अवसरों’ पर अपना संबोधन दिया। उन्‍होंने पृथ्‍वी पर जलीय वार्तावरण को संरक्षित रखने की इस ग्रह की क्षमता और यहां जीवन की विशिष्‍टता, मुख्‍य चुनौतियों और अवसरों पर विचार व्‍यक्‍त किए। उन्‍होंने बहुत ही साधारण रूपमें अल नीनो/ ला नीना/ हिंद महासागर डायपोल, समुद्री की ऊपरी सतह में तापमान में वृद्धि और प्रतिकूल जलवायु घटनाओं के बार-बार होने में वृद्धि के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ये सभी आपस में एक-दूसरे से संबद्ध हैं, जो हमारे जीवन और अर्थव्‍यवस्‍था को प्रभावित कर रही हैं। विजनाना भारती में संचालन सचिव जयंत सहस्रबुद्धे ने आईआईएसएफ-2020 की व्याख्‍या करते हुए आम लोगों के बीच में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित करने की इसकी महत्‍वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्‍होंने कहा कि इस वर्ष की आईआईएसएफ की थीम ‘आत्‍मनिर्भर भारत और वैश्विक कल्‍याण के लिए विज्ञान’ है और इसके आयोजन की जिम्‍मेदारी सीएसआईआर को दी गई है।
सीएसआईआर-एनजीआरआई के निदेशक डॉ वीएम तिवारी ने आश्‍वस्‍त किया कि संस्‍थान आम लोगों में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए यह संस्‍थान सभी प्रयास करेगा और उन्‍हें आईआईएसएफ-2020 के बारे में जागरुक बनाएगा। सीएसआईआर-मानव संसाधन विकास केंद्र गाजियाबाद ने आईआईएसएफ-2020 के नोडल संस्‍थानों, सीएसआईआर-राष्‍ट्रीय विज्ञान संस्‍थान, तकनीक एवं विकास शोध के साथ ‘लोगों के लिए विज्ञान और साधारण जन नवाचार’ विषय पर एक वेबिनार आयोजित किया। डॉ आरके सिन्‍हा प्रमुख सीएसआईआर-एचआरडीसी ने स्‍वागत भाषण में आईआईएसएफ-2020 के विभिन्‍न आयामों के बारे में संक्षिप्‍त जानकारी दी। जयंत सहस्रबुद्धे ने क्षेत्रीय भाषाओं में विज्ञान संबंधी जानकारी के संचार की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि भारत एक विविध देश है और इसमें भाषाओं, संस्कृति, धर्मों और जीवन के कई अन्य पहलुओं की विविधता है। उन्होंने कहा कि आईआईएसएफ की यात्रा जारी है और हमें विश्वास है कि हम समाज के हर वर्ग तक पहुंचने की चुनौती को पूरा करेंगे। उन्होंने भारतीय वैज्ञानिकों की सामाजिक जिम्मेदारियों पर जोर दिया और कहा कि विज्ञान का स्थानीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं में संचार किया जाना चाहिए, ताकि यह भारत के प्रत्येक नागरिक तक पहुंच सके, इससे नए भारत के निर्माण में मदद मिलेगी।
डॉ शेखर सी मांडे ने कहा कि वर्चुअल मोड से भारत आईआईएसएफ बड़े पैमाने पर लोगों से जुड़ने और उनतक पहुंच स्‍थापित करने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आम जनता अनुसंधान प्रयोगशालाओं में किए जा रहे कार्यों को जानने के लिए बहुत उत्सुक है, इसलिए हमारा यह कर्तव्य है कि हम आम लोगों के लिए अनुसंधान कार्य का प्रदर्शन करें। उन्होंने आईआईएसएफ के संवर्धन पर जोर दिया, ताकि समाज का हर व्‍यक्ति इससे लाभांवित हो सके। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ की प्रोफेसर कुलपति प्रोफेसर वाई विमला ने इस पहल की सराहना करते हुए सीएसआईआर-एचआरडीसी को धन्यवाद दिया। एक वनस्पति विज्ञानी होने के नाते प्रकृति के पीछे स्थित विज्ञान से संबंधित बातों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने छात्रों और बच्चों को प्रकृति और परिवेश के बारे में जानकारी देने के बारे में जोर दिया। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को जागरुकता पैदा करने और अपने ज्ञान, अनुभवों को लोगों में साझा करने के लिए आगे आना चाहिए। नेटवर्क एसआरआईएसटीआई जीआईएएन एंड एनआईएफ के संस्‍थापक और सीएसआईआर भटनागर फेलो 2018-21 प्रोफ़ेसर अनिल गुप्ता हनी बी ने देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास के महत्‍व के बारे में जनता और छात्रों में जागरुकता के कार्यक्रमों के आयोजन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत से जमीनी नवाचारों के अनेक उदाहरण दिए।
सीएसआईआर-केंद्रीय इलेक्‍ट्रॅनिकी एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्‍थान (सीईआईआरआई) पिलानी और विजनाना भारती राजस्‍थान-जयपुर ने संयुक्‍त रूपसे आईआईएसएफ-2020 के लिए पूर्वालोकन भी आयोजित किया, जिसमें आईआईएसएफ के महत्‍वपूर्ण आयोजनों ‘स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग मॉडल कॉम्पिटीशन एंड एक्‍सपो’ के बारे में महत्‍वपूर्ण चर्चाओं का आयोजन किया गया। विज्ञान यात्रा भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का एक प्रमुख आयोजन है। विज्ञान की यह यात्रा बड़े पैमाने पर छात्रों और जनता के बीच विज्ञान के बारे में वैज्ञानिक मनोवृत्ति और रूचि पैदा करने के लिए है। देशभर में इस विज्ञान यात्रा के लिए 35 प्रमुख स्थानों की पहचान की गई है। स्वदेशी विज्ञान आंदोलन केरल ने कोच्चि में वर्चुअल मंच पर डॉ अब्दुल कलाम विज्ञान यात्रा का आयोजन किया। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय पर्यटन मंत्री अल्फोंस कन्ननथनम और डॉ वीपीएन नम्‍पुरी, प्रोफेसर स्कूल ऑफ़ फ़ोटोनिक सीयूएसएटी ने विशेष वार्ताएं कीं। भारतीय ऊष्‍णदेशीय मौसम विज्ञान संस्‍थान पुणे ने भी विज्ञान की गतिविधियों का वर्चुअली प्रदर्शन करने के लिए विजनाना भारती पुणे चैप्टर के साथ विज्ञान यात्रा का आयोजन किया। भारत अंतर्राष्‍ट्रीय विज्ञान महोत्‍सव का 22-25 दिसंबर 2020 के दौरान वर्चुअल मंच पर आयोजन किया जा रहा है। यह वर्चुअल मंच पर सबसे बड़ा विज्ञान महोत्सव है। इस वर्ष 9 श्रेणियों के तहत 41 कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। आईआईएसएफ-2020 पांच विभिन्‍न श्रेणियों में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स को प्रविष्टियां भेजने का प्रयास करेगा। डॉ शोभना चौधरी वरिष्‍ठ वैज्ञानिक सीएसआईआर-एचआरडीसी ने सभी को धन्यवाद किया।

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