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Wednesday 4 October 2023 11:05:50 AM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश-विदेश में सम्मानस्वरूप उन्हें दिए गए उपहारों और स्मृति चिन्हों को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी के बारेमें ट्वीटर पर एक पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने कहा हैकि ये उपहार और स्मृति चिन्ह उन्हें भारतभर में विभिन्न कार्यक्रमों और आयोजनों के दौरान प्रदान किए गए हैं और ये भारत की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और कलात्मक विरासत का प्रमाण हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमेशा की तरह इन उपहारों की नीलामी की जाएगी और इससे होनेवाली आय का इस्तेमाल नमामि गंगे पहल में किया जाएगा। उन्होंने उन लोगों केलिए वेबसाइट लिंक भी साझा की है, जो व्यक्तिगत रूपसे एनजीएमए दिल्ली में नहीं पहुंच सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनमानस से कहाकि इन उपहारों को पाने का आपके पास मौका है, इस बारेमें अधिक जानकारी केलिए नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट नई दिल्ली में अवश्य पहुंचें, जो व्यक्तिगत रूपसे नहीं पहुंच सकते, वे pmmementos.gov.in वेबसाइट लिंक पर क्लिक करें। गौरतलब हैकि संस्कृति मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट में मिले स्मृति चिन्हों और उपहारों की एक शानदार श्रृंखला को प्रदर्शित करते हुए ई-नीलामी कार्यक्रम की घोषणा की है। ई-नीलामी में समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने वाली कलाकृतियों का एक असाधारण संग्रह है और इसका आयोजन 31 अक्टूबर 2023 तक https://pmmementos.gov.in/ पर किया जा रहा है। केंद्रीय संस्कृति और विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने ई-नीलामी के बारेमें मीडिया को जानकारी देते हुए कहाकि आगामी ई-नीलामी सफल नीलामी की श्रृंखला का पांचवां संस्करण है, पहली नीलामी जनवरी 2019 में हुई थी। उन्होंने कहाकि पिछले 4 संस्करणों में 7,000 से ज्यादा वस्तुओं को ई-नीलामी केलिए रखा गया था और इसबार ई-नीलामी में 912 वस्तुएं शामिल हैं।
संस्कृति राज्यमंत्री ने कहाकि केंद्र सरकार की यह प्रमुख पहल हमारी राष्ट्रीय नदी गंगा को संरक्षित करने और बहाल करने और इसके संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने केलिए समर्पित है। उन्होंने बतायाकि नीलामी के माध्यम से प्राप्त धन को इस महान कार्य में योगदान देने केलिए लगाया जाएगा और यह अमूल्य राष्ट्रीय संपत्ति की सुरक्षा केलिए हमारी अटूट प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा। संस्कृति राज्यमंत्री ने कहाकि ई-नीलामी केलिए उपलब्ध स्मृति चिन्हों का विभिन्न संग्रह पारंपरिक कलाओं की एक ज्वलंत श्रृंखला को प्रदर्शित करता है, जिसमें चित्र, जटिल मूर्तिकला, स्वदेशी हस्तशिल्प और आकर्षक लोक एवं जनजातीय कलाकृतियां शामिल हैं। इनमें से कुछ वस्तुओं को सामान्य रूपसे सम्मान और आदर के प्रतीक के रूपमें दिया जाता है, जिसमें पारंपरिक अंगवस्त्र, शॉल, हेडगियर और औपचारिक तलवारें शामिल हैं। ई-नीलामी की उत्कृष्ट कलाकृतियों में मोढेरा सूर्य मंदिर और चित्तौड़गढ़ के विजय स्तंभ जैसे वास्तुशिल्प प्रतिकृतियां शामिल हैं। चंबा रूमाल, पट्टचित्र, ढोकरा कला, गोंड कला और मधुबनी कला जैसी उल्लेखनीय सामग्रियां स्थायी और गहन सांस्कृतिक सार को दर्शाती हैं, जो हमारे विविध समुदायों के मूर्त और अमूर्त दोनों पहलुओं को दर्शाते हैं।