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Monday 27 June 2022 03:17:52 PM
बैंगलुरू। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने कर्नाटक में भारत की ब्लू इकॉनमी को आगे बढ़ाने वाले विचारों एवं नवाचारों पर चर्चा तथा विचार-विमर्श केलिए तीन दिवसीय चिंतन बैठक का शुभारंभ किया, जिसमें केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण तटीय क्षेत्रों के विकासकार्य को आगे बढ़ाना, तटीय बुनियादी ढांचे में सुधार करना और समुद्री अर्थव्यवस्था को संरक्षित करना तथा इसे बढ़ावा देना है। उन्होंने कहाकि इन सभी प्रयासों का उद्देश्य ब्लू इकॉनमी में बदलाव लाना और 'परिवहन के माध्यम से परिवर्तन' के पीछे के स्वप्न को साकार करना है। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि एक आत्मनिर्भर भारत बनाने केलिए यह जरूरी हैकि भारतीय समुद्री अर्थव्यवस्था की विशाल क्षमताओं का इष्टतम उपयोग करने में अत्यधिक सावधानी बरती जाए। उन्होंने कहाकि हमारा मुख्य कार्य पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के माध्यम से उन मार्गों को सशक्त एवं सक्षम बनाना है, जिनके माध्यम से इन आर्थिक परिवर्तनों को प्राप्त किया जा सकता है।
पोत परिवहन मंत्री ने कहाकि चिंतन बैठक के माध्यम से देश के सर्वश्रेष्ठ विचार वाले मस्तिष्क एकसाथ आए हैं, ताकि हम सभी विभिन्न चुनौतियों एवं अवसरों पर विचार-विमर्श और चर्चा कर सकें तथा निर्णय ले सकें। उन्होंने कहाकि यह हमारे बंदरगाहों के विकास तथा आधुनिकीकरण की हमारी योजना के सुचारू और तेजीसे कार्यांवयन केलिए रोडमैप तैयार करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि हमें इसके लिए पीपीपी मॉडल पर गौर करना चाहिए, जिससे ग्रीनफील्ड बंदरगाह के विकास केलिए सरकारी संसाधनों को प्रयोग करने में आसानी होगी। उन्होंने कहाकि इस पहल से इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों केलिए जीवन की सुगमता लाने में भारत के तटीय क्षेत्रों का व्यापक विकास होगा और साथ ही व्यवसायों को आसानी से सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों का लाभ उठाने में मदद मिलेगी। मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने केलिए मंत्रालय प्रमुख और गैर-प्रमुख दोनों तरह के बंदरगाहों के व्यापक विकास की दिशा में सक्रिय प्रयास कर रहा है।
सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि यह आवश्यक हैकि बंदरगाहों को पूंजीगत व्यय में वृद्धि करने केलिए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में तेजी लानी चाहिए, इस दौरान पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी योजना के प्रभावी क्रियांवयन केलिए रेल-सड़क-जलमार्ग विकास को प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया। उन्होंने कहाकि मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी में समस्याओं की पहचान करने और उन्हें हल करने केलिए बंदरगाहों को सक्षम करने केलिए एक मास्टर प्लान समय की आवश्यकता है। बंदरगाहों पर मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने केलिए कुल 157 सड़क संपर्क परियोजनाएं और 137 रेल संपर्क परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं। उन्होंने सभी बंदरगाह प्राधिकरणों को आधुनिकीकरण और मशीनीकरण केलिए एक महत्वपूर्ण परियोजना की पहचान करने, उन्हें आरंभ करने तथा पूरा करने का आह्वान किया, जिससे बंदरगाह क्षमता में वृद्धि होगी और कार्यात्मक दक्षता में सुधार होगा।
सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि पूरी हो चुकी ये परियोजनाएं बुनियादी ढांचे के विकास और इसके गुणक प्रभावों केलिए प्रधानमंत्री द्वारा प्रदान किएगए प्रोत्साहन के पूरक हेतु प्रमुख बंदरगाहों के प्रयासों को प्रदर्शित करेंगी, जिससे पूंजीगत व्यय को चालू वित्त वर्ष में 7.5 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाया जा सकेगा, जिससे पिछले वर्ष की तुलना में 35.4 प्रतिशत की वृद्धि होगी। राज्यमंत्री श्रीपद येसो नाइक ने कहाकि हमें अपने बंदरगाहों पर नई तकनीक एवं विकास के साथ दुनिया का नेतृत्व करना चाहिए। उन्होंने कहाकि बंदरगाहों और नौवहन से संबंधित अन्य क्षेत्रों पर भी विकास केलिए विचार किया जाना चाहिए। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने भारतीय शिपिंग क्षेत्र की क्षमता तथा बंदरगाहों के जलमार्ग क्षेत्र में अवसरों के बारेमें विस्तार से बताया। उन्होंने पूर्व 'चिंतन बैठक' के परिणामों कीभी सराहना की। इस दौरान केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर भी उपस्थित थे। विचार मंथन सत्र में हिस्सेदारी केलिए सभी प्रमुख बंदरगाहों के अध्यक्षों, एमओपीएसडब्ल्यू के वरिष्ठ अधिकारियों सहित मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।