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Thursday 21 May 2015 05:05:59 AM
वाराणसी। जादूगर शिव कुमार का जादू काशीवासियों के सिर चढ़कर बोल रहा है। शहर से लेकर गावों के बच्चे-बूढ़े और जवान सभी की जुबान पर शिव कुमार के जादू की चर्चा है। काशी नगर निगम प्रेक्षागृह में उनके शो चल रहे हैं, जिनमें दर्शकों का सैलाब उमड़ रहा है। लोग उनके हाईटेक साज-सज्जा से भरपूर हैरतअंगेज़ जादुई करिश्मों का लुत्फ उठा रहे हैं। गुरुवार को दर्शकों से खचाखच भरे प्रेक्षागृह में लोग दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो गए, जब उनकी नज़रों के सामने पलक झपकते ही एक नागिन अचानक लड़की बन गई और झूम-झूम कर थिरकने लगी। ऐसे ही कई चमत्कार जादूगर शिव कुमार ने कर दिखाए।
जादूगर शिव कुमार ने एक लड़के को दो टुकड़ों में अलग-अलग कर दिया, फिर जोड़ कर जिंदा भी कर दिखाया। दर्शकों के बीच से एक बच्ची को बुलाकर लिटाया और फूंक मारा तो बच्ची हवा में तैरने लगी। तमाम ऐसे-ऐसे हैरतअंगेज़ जादुई करिश्मे दिखाए कि देखने वाले बच्चे और बड़े सभी कुछ देर के लिए तिलिस्मी दुनिया के नजारों में खो गए। बाहर निकलने पर भी लोग इसी की चर्चा में डूबे रहे कि यह जादू है या कोई दैवीय चमत्कार, लेकिन रहस्य नहीं सुलझा सके। शिव कुमार विश्व रंगमंच पर 15 हजार से भी ज्यादा शो प्रदर्शित कर चुके हैं।
युवाओं में बढ़ रही नशे की लत, कन्या भ्रूण हत्या, अंधविश्वास जैसी सामाजिक कुरीतियों के दुष्परिणामों को अपने जादू प्रदर्शन के माध्यम से दर्शाने के अभियान पर निकले जादूगर शिव कुमार इन विषयों पर समाज को जागरूक करने का काम कर रहे हैं। हाउसफुल चल रहे उनके जादू शो में भी कुछ ऐसा ही संदेश दिया जा रहा है, जहां हर जादूई आइटम के बाद जादूगर शिव कुमार कहते हैं कि यह कोई जादुई चमत्कार नहीं महज एक वैज्ञानिक कला है। उनका कहना है कि लोग जादू पर विश्वास करें, लेकिन अंधविश्वास नहीं। इस बात की शो में आने वाले राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी, जादूगर, कलाकार एवं साहित्यकार सराहना करते चले जा रहे हैं।
जादूगर शिव कुमार का कहना है कि जादू शो देख कर लोगों का मानसिक विकास भी होता है। उनका कहना है कि जब जादूगर मंच पर अपनी जादू कला को साध रहा होता है, उस वक्त दर्शक अपनी नज़र और दिमाग से जादू की बारीकियों को पकड़ने के प्रयास में लगा रहता है, जिससे उसकी सोचने समझने की शक्ति का विकास होता है। शिव कुमार इसे जादूगर दिमागी टॉनिक बताते हैं और सच कहा जाए तो समाज से अंधविश्वास जैसी चीज को दूर करने के लिए जादू शो एक सशक्त माध्यम है, इसलिए जादू को प्रारंभिक शिक्षा में शामिल कर देना चाहिए, ताकि जादू की बारीकियों को जानकार बच्चों के मन में बैठा जादू-टोने का भय समाप्त हो।