केंद्र सरकार राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक(नाबार्ड) के माध्यम से राज्यों में डेयरी विकास कार्यक्रम के लिए 703 करोड़ रुपये की योजना कार्यान्वित कर रही है। पिछले तीन वर्षों में इस कार्यक्रम के लिए जारी की गई धनराशि में से बाकी बची धनराशि 150 करोड़ रुपये 12वीं पंचवर्षीय योजना की शेष अवधि में खर्च की जाएगी। यह जानकारी कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री...
सरकार राष्ट्रीय आर्गेनिक फार्मिंग परियोजना (एनटीओएफ), राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एनएचएम) पूर्वोत्तर तथा पर्वतीय राज्यों के लिए बागवानी मिशन (एचएमएनईएच) राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की आर्गेनिक फार्मिंग नेटवर्क परियोजना (आईसीएआर) के जरिए आर्गेनिक फार्मिंग...
केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने आज नयी दिल्ली में नोबेल पुरस्कार प्राप्त कृषि वैज्ञानिक नोर्मन बोरलॉग की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर पवार ने बताया कि कृषि क्षेत्र के विकास के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले बोरलॉग ने भारत में गेहूं का उत्पादन बढ़ाने में अविस्मरणीय योगदान किया था।...
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने किसानों को सस्ती दर पर तीन लाख तक के अल्पकालीन फसल ऋणों की सात प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए ब्याज छूट जारी रखने को मंजूरी दे दी है। यह योजना संबंधित बैंक शाखा में अपने सेवा क्षेत्र के अंतर्गत दिए गए ऋण के संदर्भ में निजी क्षेत्र के अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से लिए गए फसल...

केंद्रीय वस्त्र मंत्री डॉ केएस राव ने बताया है कि उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार से मुलाकात करके संगरोध (क्वारेनटाइन) के मुद्दे को लेकर पिछले तीन वर्षों से चली आ रही ऊन आयातकों की समस्या को दूर करा दिया है। इस संबंध में 18 जुलाई को पशुपालन, डेयरी...
आईसीएआर और कृषिउद्योग के बीच कल यहां कई समझौता पत्रों पर हस्ताक्षर किए गये। फसल, बागवानी, खाद्य प्रौद्योगिकी, पशु चिकित्सा, कृषि अभियांत्रिकी और मत्स्य जैसे विभिन्न कृषि क्षेत्रों की बिक्री के लिए तैयार साठ से अधिक कृषि प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण के लिए समझौता पत्रों पर हस्ताक्षर हुए...

नारियल विकास बोर्ड ने नारियल की बागवानी तथा विपणन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों की शुरूआत करने का निर्णय लिया है। बीस श्रेणियों में 25,000 से 50,000 रूपए की राशि तक के पुरस्कार दिए जाएंगे। इन श्रेणियों में राष्ट्रीय तथा स्थानीय स्तर पर उत्कृष्ट किसान, उत्कृष्ट प्रसंस्करणकर्ता...

बागवानों को सलाह दी गई है कि फलों के नए बाग लगाने के लिए उपयुक्त खेत का चयन एवं रेखांकन कर गढ्ढों की खुदाई कर खुला छोड़ दें, जिससे कीट व्याधि नष्ट हो जाएगी। आम, केला, नीबू तथा लीची के बागों को कीट रोगों से बचाने के लिए समय पर ध्यान देकर समुचित उपाय करें...

भारत सरकार के कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग से प्रशासित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के तत्वावधान में केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ रहमानखेड़ा परिसर में कृषि प्रौद्योगिकियों की प्रदर्शनी, किसान गोष्ठी एवं मीडिया मीट का आयोजन 30 मार्च 2013 को किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य विषय आम के मौसम में संस्थान...

भारतीय खेती की सभी प्रकार की सुरक्षा अब एक प्राधिकरण करेगा। केंद्रीय कृषि और खाद्य प्रसंकरण उद्योग मंत्री शरद पवार ने सोमवार को लोकसभा में एक विधेयक पेश किया, जिसका उद्देश्य पौधों और पशुओं के हानिकारक कीटों और अवांछित जीवों की रोकथाम, नियंत्रण, उन्मूलन और प्रबंधन के लिए एक प्राधिकरण की स्थापना करना है। प्रस्तावित...

विश्व के कॉफी पारखियों को दिसंबर 2007 में केंद्रीय कॉफी अनुसंधान संस्थान (सीसीआरआई) ने नए किस्म की कॉफी के पौधे चंद्रगिरि के बीज से परिचित कराया था। तभी से 'भूरे सोने' की खुशबू और रंग ने विश्व के विभिन्न भागों के कॉफी प्रेमियों को अपने से बांध लिया है। चंद्रगिरि पौध जब भारत के कॉफी बागानों में व्यावसायिक उत्पादन के लिए इस्तेमाल...
देश के विभिन्न राज्यों के विभिन्न भागों में रबी फसलों की बुआई अच्छी प्रकार हो रही है। प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार इस बार रबी बुआई क्षेत्र पिछले साल से अधिक हो गया है। गेहूं की बुआई 298.19 लाख हेक्टेयर में की गई है जबकि 2011 के रबी मौसम में 298.61 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोया गया था। रबी फसलों का कुल बुआई क्षेत्र 616.75 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि पिछले वर्ष यह 616.53 लाख हेक्टेयर रहा था। हालांकि...

किसानों को सलाह दी गई है कि वे राई, सरसों की खेती को झुलसा, माहू, बालदार सूड़ी, आरा मक्खी आदि कीट रोगों से बचाएं। राई, सरसों की फसल में झुलसा रोग होने पर पत्तियों तथा फलियों पर गहरे कत्थई रंग के धब्बे बन जाते हैं। गोल-गोल छल्ले पत्तियों पर स्पष्ट दिखाई देती हैं। इस रोग के होने पर मैंकोजेब 75 प्रतिशत 2 किलो ग्राम प्रति हेक्टेअर...
प्रदेश के औद्यानिक फसलों के गुणवत्तायुक्त उत्पादन के लिए पौधों को कैटरपिलर सूड़ी, लर्वा से बचाना अति आवश्यक है। पौधों में कीटों व रोगों की रोकथाम के लिए समय से जैव उर्वरक व जैव नियंत्रक का प्रयोग अत्यंत लाभदायक होगा। निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण ओम नारायण सिंह ने बताया कि औद्यानिक फसलों को सम-सामयिक कीटों व रोगों से बचाकर किसान अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं...

उत्तर प्रदेश के किसान गेहूं की फसल को गेरूई या रतुआ रोग के प्रकोप से बचाने हेतु फसलों की नियमित निगरानी करते रहें तथा रोग के प्रकोप की स्थिति में तत्काल रोकथाम के उपाय अपनाएं। गेरूई काली, भूरे एवं पीले रंग की होती है, गेरूई की फफूंदी के फफोले पत्तियों पर पड़ जाते हैं, जो बाद में मिलकर अन्य पत्तियों को ग्रसित कर देते हैं,...