नासिक। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र के नासिक के मांगीतुंगी में विश्वशांति अहिंसा सम्मेलन का उद्घाटन किया। भगवान श्रीऋषभदेव 108 फुट विशालकाय दिगम्बर जैन मूर्ति निर्माण समिति ने कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि जैन परंपरा में अहिंसा परमोधर्मः का सिद्धांत न केवल शारीरिक हिंसा को मिटाने के लिए है, बल्कि मानवीय कल्याण और अनुकम्पा के लिए विशिष्ट है। राष्ट्रपति ने कहा कि भगवान महावीर ने अपरिग्रह यानी जीवन के लिए अनिवार्यता से अधिक ग्रहण नहीं करने को विशेष महत्व दिया है। उन्होंने कहा कि मानव जाति प्रकृति का बेजा दोहन कर रही है, इसके परिणामस्वरूप जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कार्यक्रम में महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस भी मौजूद थे।